नई दिल्ली, 02 अप्रैल (ब्यूरो) : मोदी सरकार ने बीते दिनों देश की सबसे बड़ी और सरकारी एयरलाइन्स कंपनी एयर इंडिया को टाटा के हाथों सौंप दिया था। वहीं, इस वित्त वर्ष 2022-23 में भी केंद्र सरकार ने 65000 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। बताया जा रहा है कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार देश की एक और बड़ी कंपनी को बेचने की तैयारी कर रही है। सरकार ने इस कंपनी से अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर ली है। हालांकि, अभी तक इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि कंपनी की बिक्री से सरकार ने कितनी राशि जुटाने का लक्ष्य रखा है।
वित्त मंत्रालय ने एफएसएनएल की बिक्री के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। रणनीतिक निवेश के जरिये इसकी बिक्री की जाएगी। इसे खरीदने के इच्छुक रणनीतिक निवेशक पांच मई तक रुचि पत्र जमा कर सकते हैं। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने कहा है कि भारत ने सरकार प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के साथ रणनीतिक बिक्री के जरिये एमएसटीसी लिमिटेड की 100 फीसदी सब्सिडियरी कंपनी फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड का विनिवेश करने जा रही है। बीडीओ इंडिया एलएलपी को इसके लिए लेनदेन सलाहकार नियुक्त किया गया है।
एफएसएनएल का गठन वर्ष 1979 में हुआ था। यह इस्पात मंत्रालय के अधीन है और आईएमएस प्रमाणित मिनी रत्न कंपनी है। वर्तमान में यह देश के आठ स्टील प्लांट और बीएचईएल-हरिद्वार, रेल व्हील फैक्ट्री बेंगलुरु में अपनी सेवाएं दे रही है। लौह एवं इस्पात उत्पादन के समय निकलने वाले मलबे एवं अवशेषों में से लौह मिश्रित धातुओं को अलग कर उनकी रीसाइक्लिंग करना इस कंपनी का काम है। इससे बहुमूल्य कच्चे मालों की बचत होती है और देश का करोड़ों रुपया बचता है।