चंडीगढ़, 05 जनवरी (ब्यूरो) : नए वित्त वर्ष में पंजाब सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को झटका देने की तैयारी कर ली है। पावरकॉम ने खर्चों के मुकाबले कम राजस्व का हवाला देते हुए पंजाब राज्य विद्युत नियामक आयोग (पीएसईआरसी) को वित्त वर्ष 2023-24 में बिजली दरें प्रति यूनिट 43 पैसे बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है। पावरकॉम के एक उच्चाधिकारी के मुताबिक नई दरें एक अप्रैल 2023 से लागू हो सकती हैं। दलील है कि पिछले पांच साल से बिजली की दरें नहीं बढ़ी हैं, जबकि राज्य में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बाहर से महंगी बिजली एवं कोयला खरीदा जा रहा है। इस समय पंजाब में 74 लाख घरेलू और साढ़े 11 लाख कॉमर्शियल उपभोक्ता हैं। बिजली का प्रति यूनिट रेट अलग-अलग श्रेणियों में 3.49 रुपये से लेकर 6.49 रुपये तक है। घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जा रही है।
चालू वित्तीय वर्ष में पावरकॉम के राजस्व व खर्चे के बीच 4149 करोड़ का अंतर रहने का अनुमान है, जबकि पिछले कुछ साल का यह अंतर पहले से ही 9961 करोड़ का पेंडिंग है। इससे इस वित्तीय वर्ष के अंत तक पावरकॉम के राजस्व व खर्चे के बीच का कुल अंतर बढ़कर 14109 करोड़ हो जाएगा। इसका हवाला देते हुए पावरकॉम ने नियामक आयोग से प्रदेश में बिजली की दरे 43 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाने की मांग की है। पावरकॉम का ज्यादा खर्च महंगे दामों में बिजली खरीदने और बाहर से महंगा कोयला मंगवाने पर हुआ। चालू वित्त वर्ष में पावरकॉम अब तक 21700 करोड़ की बिजली खरीद चुका है। साल 2021 में इस समय तक पावरकॉम ने 20 हजार करोड़ की बिजली खरीदी थी। पंजाब में बढ़ती मांग के चलते पावरकॉम को बिजली भी ज्यादा खरीदनी पड़ रही है। कोयले की खरीद पर करीब 2460 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। पावरकॉम इस साल अब तक 2800 करोड़ का ऋण ले चुका है।
चालू वित्तीय वर्ष में खासतौर पर गर्मी व धान के पीक सीजन में बिजली की बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए पावरकॉम ने कोयले की खरीद के लिए 500 करोड़ और बाहर से बिजली की खरीद को 2300 करोड़ का ऋण लिया है। पावरकॉम पर पहले से ही 36000 करोड़ की देनदारियां हैं। इस साल पावरकॉम ने 3200 करोड़ का कर्ज चुकता भी किया है। पीएसईबी इंजीनियर्स एसोसिएशन के मुताबिक बिजली के रेट बढ़ने का ज्यादा असर औद्योगिक सेक्टर पर होगा, क्योंकि घरेलू खपतकार पहले से ही हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली की सुविधा ले रहा है। साथ ही पंजाब सरकार पर सब्सिडी का बोझ भी बढ़ेगा।
चालू वित्तीय साल में सरकार की ओर से विभिन्न वर्गों को दी जा रही सुविधा के तहत बिजली सब्सिडी का 15846 करोड़ का भुगतान किया जाएगा, जो सरकार के कुल राजस्व का 14.68 फीसदी है। अब तक इस कुल सब्सिडी राशि में से 11700 करोड़ का सरकार भुगतान भी कर चुकी है। सरकार को चाहिए कि लोगों को मुफ्त में बिजली देने के बजाय सस्ती बिजली दे। इसके लिए पूर्व की सरकारों को पंजाब में प्राइवेट थर्मल लगाने के बजाय सरकारी थर्मलों की अपग्रेडेशन पर ध्यान देना चाहिए था। सरकार यही पैसा शिक्षा, सेहत व अन्य विकास कार्यों पर खर्च करे।