जालंधर, 28 जुलाई (कबीर सौंधी) : जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में बहु करोड़ी घोटाला हुआ है। इसका जल्द पर्दाफाश किया जाएगा। इस घोटाले में दो बड़े अधिकारी, कुछ कर्मचारी औऱ शहर के दो बड़े नामचीन लोग शामिल हैं। यह बात आज प्रेस कांफ्रेंस में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन जगतार सिंह संघेड़ा ने कही है। संघेड़ा ने कहा है कि ऐसे दो बड़े घोटाले पकड़े गए हैं।
शुक्रवार को इंप्रूवमेंट ट्रस्ट दफ्तर में मडिया से बातचीत करते हुए जगतार सिंह संघेड़ा ने कहा कि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट जालंधर को गर्त में धकेलने वाले लोगों की पहचान की जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान दो ऐसी फाइलें मिली है, जिसमें एक फाइल में 1.50 करोड़ रुपए, जबकि दूसरी फाइल में 50 लाख रुपए का घोटाला पकड़ा गया है।
जगतार सिंह संघेड़ा ने कहा है कि इंप्रूवमेंट ट्रल्ट में बहु करोड़ी रुपए का घोटाला हुआ है। इसकी जांच लगातार चल रही है। उन्होंने बगैर किसी का नाम लिए कहा कि अब तक जो फाइलें पकड़ी गई हैं, पिछले तीन साल की दौरान की है। उन्होंने कहा कि इस पूरे खेल में ट्रस्ट के अधिकारी और कर्मचारी की मिलीभगत रही है।
के.एल. सहगल मैमोरियल ट्रस्ट पर होगी कार्रवाई
जगतार सिंह संघेड़ा ने कहा कि केएल सहगल मैमोरियल ट्रस्ट ने लीज डीड की उल्लंघना की है। जांच चल रही है, उसके खिलाफ भी कार्ऱवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि केएल सहगल मैमोरियल ट्रस्ट ने जिस मकसद से सरकारी जमीन लीज पर ली है, उसे पूरा नहीं किया जा रहा है, जबकि वहां कामर्शियल इमारत बनाकर आगे किराए पर दी जा रही है।
जगतार सिंह संघेड़ा ने कहा कि मास्टर गुरबंता सिंह एक्लेव में 11 फुट की रोड काटकर लोगों के साथ उस वक्त धोखा किया गया। जिसके खिलाफ जांच में तत्कालीन एसई की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। सरकार को लेटर लिख कर कहा गया है कि तत्कालीन एसई, ईओ, चेयरमैन इसके लिए जिम्मेदार हैं। इन पर कार्ऱवाई की जाए।
जगतार सिंह संघेड़ा ने कहा कि काजी मंडी के लोगों को सूर्या एंक्लेव एक्सटेंशन में दो मरले का प्लाट या फिर बीबी भानी कांपप्लैक्स में फ्लैट देने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही काजी मंडी के अवैध कब्जे को छुड़ाकर वहां रोड चौड़ी की जाएगी। इसके साथ ही वहां एक फैक्टरी को भी पीछे किया जाएगा।
जगतार सिंह ने संघेड़ा ने कहा कि उन्होंने 14 नवंबर 2022 को बतौर चेयरमैन को ओहदा संभाला था। उस वक्त ट्रस्ट 162 करोड़ रुपए की देनदारी थी। इसे निपटारा कर के खत्म किया गया। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट में स्टाफ कम है, फिर भी 350 रजिस्ट्रयां और 100 एनडीएस व एनओसी जारी की जा चुकी है, ये सभी काफी लंबे समय से लंबित थी।