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आप पार्टी के खिलाफ पंजाब की टीचर्स एसोसिएशन ने किया प्रदर्शन

शिमला, 31 अक्तूबर (ब्यूरो) : पंजाब के तीन प्रमुख संगठनों डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) पंजाब ने आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार द्वारा शिक्षकों के साथ हो रहे अन्याय और भेदभाव से संबंधित मुद्दों का कोई ठोस समाधान नहीं करने और पंजाब की जनता से किए गए वादों को पूरा नहीं करने का विरोध किया है। ईटीटी टेट पास टीचर्स एसोसिएशन 6505 और ओडीएल। शिक्षक संघ के नेतृत्व में सैकड़ों शिक्षकों ने शिमला रिज पर पोल खोल धरना दिया। पुलिस से झड़प के बावजूद शिमला रिज से माल रोड तक मार्च निकाला गया। पुलिस ने शिक्षकों को थाने में हिरासत में लिया और दो घंटे बाद रिहा कर दिया। मांगें पूरी नहीं होने पर 6 नवंबर को पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस को आनंदपुर साहिब (पंजाब) आवास के पास बड़े पैमाने पर धरना देने और गुजरात में भी विरोध करने की चेतावनी दी गई थी।

इस मौके पर डीटीएफ पंजाब के अध्यक्ष विक्रम देव सिंह, ओडीएल यूनियन पंजाब के अध्यक्ष बलजिंदर ग्रेवाल और ईटीटी टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आप के चुनाव प्रभारी हरजोत बैंस ने पंजाब में शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करने की बजाय पहले कांग्रेस-अकाली-भाजपा। सरकारों की तरह डराने-धमकाने की नीति का इस्तेमाल किया जा रहा है। पीड़ित शिक्षकों के मुद्दों के बारे में कहा गया कि वर्ष 2016 में पंजाब के शिक्षा विभाग के अधीन 4500 ईटीटी थे। 180 ईटीटी टीईटी पास शिक्षक जो पदों पर नियमित रूप से भर्ती थे, उन्हें पिछले पांच वर्षों की सेवा समाप्त करने के लिए मजबूर किया गया था।

प्रारंभिक भर्ती की सेवा शर्तों से और मई 2021 में दो साल की परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पारित करने के बावजूद। नए नियुक्ति पत्रों के विपरीत, परिवीक्षा अवधि और वेतन को कम करके नए वेतनमान लागू किए गए हैं। इसी प्रकार 7654 शिक्षक, 3442 तथा 5178 भर्तियों के शेष सभी शिक्षक तीन वर्ष के संविदात्मक रोजगार के बाद विज्ञापन एवं नियुक्ति पत्र की शर्तों के तहत नियमित हो गए हैं, लगभग 125 शिक्षकों के साथ मुक्त दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्राधिकार के बाहर और उनके साथ भेदभाव किया गया था। विश्वविद्यालय। डिग्री के संदर्भ में नियमित नहीं। जबकि इन हजारों ओडीएल के पहले और बाद में कई भर्तियां होती हैं।

शिक्षकों को नियमित किया जाता है और पदोन्नत भी किया जाता है। नेताओं ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार पंजाब के खजाने पर अधिक दबाव डाल रही है, जो पहले से ही रुपये के कर्ज में डूबा हुआ है। शिक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता देने वाले राज्य आम आदमी पार्टी के पंजाब के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के 25000 से अधिक पद और शिक्षा अधिकारियों के 40 प्रतिशत पद खाली हैं। ‘आप’ के अलावा इस मौके पर गुरपियार कोटली, कुलविंदर जोशन, हरदीप टोडरपुर, लखविंदर सिंह, परमिंदर मनसा, मनजीत बाबा, सोहन सिंह, राकेश कुमार, जसविंदर सिंह, अमन बरनाला, संदीप मोगा, परमजीत सिंह, जतिंदर सिंह, अमनदीप कौर, प्रभजोत सिंह, मोहन सिंह और परमजीत कौर और अन्य भी शामिल थे।

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