लुधियाना, 26 जून (ब्यूरो) : पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान के दिशा निर्देशों पर पुलिस द्वारा नशा तस्करों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। हाल ही में पुलिस ने पंजाब भर में तस्करों को दबोचने के लिए CASO आपरेशन चलवाया था। इस दौरान कई इलाकों में पुलिस ने छापेमारी भी की थी। लगता हैकि इन छापेमारियों का कोई असर खासकर ग्रामीण इलाकों में नहीं दिख रहा। आरोप है कि थाना लाडोवाल के अधीन आते गांव तलवंडी कलां में सरेआम चिट्टा खुलकर बिक रहा है। वहीं गांव तलवंडी कलां में आप ब्लाक प्रधान सिमरनजीत सिंह ने खुलासा किया कि उनका गांव चिट्टे का गढ़ बन चुका है।
रोजाना वह 50 से 70 युवकों को चिट्टा खरीदते समय या नशा करते समय पकड़े चुके है। मौके पर लाडोवाल के एसएचओ को फोन करके नशा तस्करों या नशेड़ियों को दबोचने के लिए कहते है लेकिन एसएचओ या कोई भी पुलिस कर्मी मौके पर नहीं आता। सिमरनजीत ने कहा कि आज गांव की हालत यह बन चुकी है कि युवक नशे की लत पूरी करने के लिए लूटपाट जैसी वारदातों को अंजाम देते है। लोगों के सामान तक चुरा कर बेच देते है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आदेश दिए है कि नशा तस्करों की जायदादों को सील किया जाए। जब से ऐलान हुआ है तभी से लाडोवाल थाना की पुलिस को सूचित किया जा रहा है कि आप गांव में छापामारी करो।
नशा तस्करों के घर भी हम बताएंगे लेकिन पुलिस उनकी सुनवाई नहीं कर रही। पुलिस ने जब कोई एक्शन नहीं लिया तो तब खुद ही गांव के लोगों ने नशा तस्करों और नशेड़ियों को पकड़ना शुरू किया है। गांव में नशा खरीदने के लिए हैबोवाल, मत्तेवाड़ा, कुमकलां, माछीवाड़ा जैसे इलाकों से युवक रोजाना आते है। सिमरनजीत ने कहा कि करीब 60 से 70 ऐसे लोग है जो खुलकर चिट्टा बेचते है। करीब 60 से 70 युवकों को पकड़ा था लेकिन पुलिस मौके पर नहीं आई तो उन्हें छोड़ दिया।
नशा खरीदने आए राजू (बदला नाम) ने कहा कि उसका पिता सरकारी नौकरी करता है। अभी तक उसने अपने 2 प्लाट और घर का सारा सामान चिट्टा खरीदने के लिए बेच दिया। यदि पुलिस नशा तस्करों को गांव से पकड़ लेगी तो नशा खरीदने आने वाले लोग खुद-ब-खुद बंद हो जाएंगे। राजू ने कहा कि गांव में चिट्टा महिलाओं से लेकर बच्चे तक बेचते है। वह आज 500 रुपए का चिट्टा खरीदने आया था। इस मामले संबंधी पत्रकारों ने एसएचओ वीरइंद्र सिंह से चिट्टा बेचने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रहे है सवाल किया तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया। पुलिस अधिकारी की चुप्पी कही न कही पुलिस की ढीली कार्यशैली को उजागर कर रही है।