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आज से नहीं होंगी बिना NOC वाली रजिस्ट्रियां

क्या फिर निकाला जाएगा चोरमोरी वाला रास्ता या DC की आंखों से खुलेगी पट्टी

जालंधर, 05 अप्रैल (धर्मेंद्र सौंधी) : तहसील में आज से बिना एनओसी के रजिस्ट्रियां न होने की बात कही जा रही है, जबकि इसे माननीय हाई कोर्ट द्वारा पाबंदी लगाने का हवाला दिया जा रहा है। बतादें कि इससे पहले भी माननीय हाई कोर्ट ने सख्ती से पालना करने के आदेश जारी किए थे पर बावजूद इसके दोनों तहसीलों में रोजाना बड़ी गिनती में बिना एनओसी के रजिस्ट्रियां दर्ज होती रही हैं। इतना ही नहीं इससे चाहे सरकारी खजाने में कोई इजाफा न हुआ हो पर सब रजिस्ट्रारों व रजिस्ट्री कर्लकों ने जनता का खून चूसा कर अपनी तिजौरियां जरूर भर ली हैं।

चूस गए जनता का कतरा-कतरा…

बतादें कि जहां एक ओर रजिस्ट्री करने दौरान अगर किसी का सारे सरकारी खर्चे करके 10 हजार रुपए बनता था, वहीं 15 रुपए बिना एनओसी की रिश्वत जोड़ी जाती थी। जिसके चलते उक्त रजिस्ट्री कर्लकों व सब रजिस्ट्रारों ने जनता के खून का कतरा कतरा चूस लिया है।

अपने पैसे पूरे करने के लिए की ‘मेहनत’

लोगों की मानें तो डिप्टी कमिश्नर की अनदेखी कारण ही जनता को इन कर्लकों का शिकार होना पड़ा है क्योंकि जहां एक ओर डीसी के दफ्तर से चंद कदमों की दूरी पर रिश्वतखोरी का नंगा नाच हो रहा है, वहीं दूसरी ओर डीसी ने एक कलर्क की बदली करके के बाद उसकी बदली दो घंटों में ही खारिज कर दी थी। इतना ही नहीं लम्बे समय तक यह चर्चा भी बनी रही कि इस बदली को रुकवाने वाले कर्लक ने किसी बाहरी व्यक्ति को लाखों रुपए का चढ़ावा भी चढ़ाया था। लोगों अनुसार अपना खर्चा पूरा करने के चलते कर्लक ने खूब रिश्वतखोरी फैलाई है।

वहीं अब सवाल पैदा होते हैं…

# क्या माननीय हाई कोर्ट के आदेशों की पालना होगी या फिर पहले की भांति हाई कोर्ट की आंखों पर पट्टी बांध कर रिश्वतखोरी का खेल खेला जाएगा।

# क्या बिना एनओसी के सहारे इक्टठी की गई रिश्वत से पर्दा उठाया जाएगा।

# क्या इस दौरान सब रजिस्ट्रार दफ्तरों में तैनात रहने वाले रजिस्ट्री कर्लकों या सब रजिस्ट्रारों की आय की जांच हो सकेगी।

# क्या बिना एनओसी के रजिस्ट्री किस आधार पर दर्ज की गई, इसका खुलासा भी हो सकेगा।

# इतना ही नहीं विजीलैंस व कोर्ट में जा सकता है जालंधर में बिना एनओसी के रजिस्ट्रियां करने का मामला क्योंकि जल्दी ही इस संबंधी कार्रवाई आरंभ दी जाएगी।

# इन सारे सवालों का जवाब भी जल्दी ही अदालत के सहारे उक्त अधिकारियों से पूछा जाएगा ताकि आम जनता के खून चूसने वाले रजिस्ट्री कर्लकों का रिश्वतखोर चेहरा सामने आ सके।

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