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आखिर क्यों जिला प्रशासन बिना लाइसेंस Work Permit का काम करने वाले Travel Agents पर नहीं कर रहा कोई कार्रवाई ?

जालंधर, 03 सितंबर (कबीर सौंधी) : जालंधर शहर अवैध और फर्जी ट्रैवल एजेंट का गढ़ बनता जा रहा है। हैरानी की बात है कि जिला प्रशासन व पुलिस मिलकर भी इन अवैध ट्रैवल एजेंट के नाजायज दफ्तरों को बंद करवाने में कामयाब नहीं हो रहे।

बता दें जालंधर में पिछले 2 साल में अनेकों ऐसे केस सामने आए हैं, जहां फर्जी ट्रैवल एजेंटस ने लोगों से वर्क परमिट के नाम पर पैसे ठगे हैं। परंतु उन्हें भेजा कहीं भी नहीं। और इनमें से अधिकतर एजेंटस ऐसे थे, जिनके पास वर्क परमिट का काम करने का लाइसेंस तक नहीं था।

वर्क परमिट का काम करने के लिए चाहिए केंद्र सरकार का लाइसेंस

बता दें कि वर्क परमिट का काम करने के लिए केंद्र सरकार का लाइसेंस होना जरूरी है। उसके अलावा पंजाब सरकार द्वारा अपनी अलग लाइसेंस प्रक्रिया है। वर्क परमिट का काम करने वाले ट्रैवल एजेंटस के पास केंद्र सरकार का लाइसेंस होता है। कइयों ने तो साथ पंजाब सरकार कभी लाइसेंस भी लिया होता है।

फ्रॉड एजेंटों के पास तो पंजाब सरकार का लाइसेंस भी नहीं

परंतु जालंधर शहर में दर्जनों ऐसे ट्रैवल एजेंट हैं, जिनके पास ना तो केंद्र सरकार का लाइसेंस है ना ही पंजाब सरकार का लाइसेंस है। यह सिर्फ शहर के विभिन्न इलाकों में दफ्तर खोल कर बैठे हैं और लोगों को वर्क परमिट के नाम पर ठग रहे हैं।

इस इलाके में फर्जी ट्रैवल एजेंटों की भरमार

शहर के बस स्टैंड के आसपास विभिन्न इमारतों में ऐसे कई ट्रैवल एजेंट पिछले कई महीनो से अपने दफ्तर चला रहे हैं। बस स्टैंड के पास बनी सेंट्रल मार्केट इलाके में ऐसे कुछ दफ्तर चल रहे हैं। इसी प्रकार बीएमसी चौंक के नजदीक ग्रैंड मॉल, लोटस टावर जैसी कुछ इमारतें ऐसी हैं जहां फर्जी तौर पर बिना लाइसेंस के ट्रैवल एजेंट अपना दफ्तर चला रहे हैं।

हैरानी की बात यह है कि ऐसी नाजायज ट्रैवल एजेंसीयों के दफ्तर चलने वाले लोग अधिकतर वही हैं जो कई बार पहले भी सैकड़ो अवैध पासपोर्टों के साथ पकड़े गए हैं। उन पर पर्चे भी दर्ज हैं। परंतु वे हर बार अपने किसी नए गुर्गे को आगे करके नए नाम से दफ्तर खोल लेते हैं और फिर लोगों को टेलीकॉलर्स के ज़रिए फोन करके कनाडा, ऑस्ट्रेलिया व यूरोप वर्क परमिट्स के नाम पर ठगने लगते है।

पुलिस की मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं !

बता दें कि इस प्रकार के नाजायज ट्रेवल एजेंसियों के दफ्तर चलने वाले फर्जी एजेंटों की पुलिस में भी पूरी सैटिंग है। जिस इलाके में यह दफ्तर चलाते हैं, उस इलाके के किसी बड़े पुलिस अधिकारी के साथ उनकी पहले ही मीटिंग हो चुकी होती है।

बिगड़ सकता है जालंधर का माहौल

इसमें कोई शक नहीं कि जिला पुलिस विभाग समय समय पर ठग ट्रैवल एजेंटस के खिलाफ कार्रवाई करता है। परंतु इस समय जिस प्रकार से जालंधर में दर्जनों अवैध ट्रैवल एजेंट अपने फर्जीवाड़े के जरिए लोगों को ठग रहे हैं, उन पर लगाम कसना बेहद जरूरी हो चुका है।

वरना आने वाले दिनों में ठगी के शिकार लोग खुद ऐसे एजेंटों से निपटने के लिए मैदान में उतर सकते हैं, जिससे शहर का माहौल खराब हो सकता है। पुलिस कमिश्नर को इस ओर ध्यान देने की ज़रूरत है।

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