चंडीगढ़, 06 जून (ब्यूरो) : वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के साथी गुरमीत सिंह भुक्कनवाला ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत गिरफ्तारी व कार्रवाई को चुनौती दी है। याचिका पर हाईकोर्ट ने केंद्र व पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। गुरमीत सिंह भुक्कनवाला ने याचिका दाखिल करते हुए बताया कि अमृतपाल की गिरफ्तारी के लिए 18 मार्च से पंजाब में ऑपरेशन शुरू किया गया था। उसी दिन अमृतपाल के कई साथियों को गिरफ्तार कर उन पर एनएसए (नेशनल सिक्योरिटी एक्ट) लगा उन्हें असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया था। याचिकाकर्ता भी उनमें से एक था।
याची पर आरोप है कि 23 फरवरी को अजनाला पुलिस थाने पर हुए हमले में वह शामिल था। इसके साथ ही यह भी आरोप है कि उसने अमृतपाल के समर्थन में युवाओं को भड़काया। उसके लिए लोकल नेटवर्क खड़ा करके संगठन को मजबूत किया और अमृतपाल को पुलिस की पहुंच से दूर रखने के लिए हर तरह का इंतजाम किया था। याची ने कहा कि 23 फरवरी को जिस दिन अजनाला के पुलिस थाने पर हमला किया गया था उस दिन वह जेल में था। जेल से वह शाम को पांच बजे रिहा हुआ था और ऐसे में वह कैसे इस हमले में शामिल हो सकता है।
याची ने कहा कि उस पर लगाया गया आरोप पूरी तरह से गलत है। ऐसे में याचिकाकर्ता ने अपील की है कि उसके खिलाफ एनएसए के तहत की गई कार्रवाई को रद्द किया जाए। साथ ही डिब्रूगढ़ जेल में रखने को भी याचिकाकर्ता ने अवैध हिरासत करार देते हुए रिहा करने का आदेश जारी करने की अपील की है। याचिका पर हाईकोर्ट ने अब केंद्र व पंजाब सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।